आज झारखण्ड राज्य अपनी स्थापना का जश्न मना रहा है! आज हमारा राज्य वयस्क हो गया! महामहिम राष्ट्रपति महोदय आज झारखण्ड में है लेकिन इस राज्य को बनाने के लिए आंदोलन करने वाले आज भी गुमनामी के अँधेरे में है! सरकार आती गयी, घोषणाएं होती रही लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है! सरकार के आदेश के अनुसार सभी आंदोलनकारियों को सम्मान और पेंशन मिलेगा लेकिन कुछ लोगों को छोड़ कर ज्यादातर लोगों को ये सम्मान या पेंशन नहीं मिल सका!
आज गोड्डा के शहीद स्मारक पर सैकड़ों आंदोलनकारी जमा हुए और सरकार के खिलाफ नारे लगाए! सभी आंदोलनकारी के गार्डन में लाल कपडा और सर में सफ़ेद कपडा बंधा हुआ था. लाल यानी आंदोलन और सफ़ेद मतलब कफ़न!
इनलोगों के नेता बीरेंद्र सिंह ने बताया की 18 अक्टूबर को ही आज के दिन के लिए एक मेमरैंडम मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री को दे चुके थे लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. वे आत्मदाह का प्रयास पर कर रहे थे लेकिन उपस्थित मीडियकर्मियों ने उन्हें रोक दिया लेकिन जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन से कोई नहीं आया था!
अगर उनकी बात नहीं मानी गयी तो उनका जीवन बेकार है. अब आंदोलन रांची में होगा!