दिन भर बांध सकतीं है बहने राखी
शिद्दत से जिस पल का बहनों को इंतजार था, आखिर वह घड़ी आ ही गयी। सोमवार को बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेगी. भाई उसके रक्षा का वचन देंगे।
भाई-बहन के अनूठे प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन मनाये जाने की तैयारी पूरी कर ली गयी है।
शनिवार को बहनों ने इसकी तैयारी को फाइनल टच दिया। इसे लेकर राखी की दुकानों पर शनिवार की देर शाम तक भीड़ जुटी रही।
वहीं मिठाई खरीदने के लिए मिठाई दुकान भी ग्राहकों से जगमग होता रहा।
सबसे पहले राखी बांधने के लिए अमृत मुहूर्त फिर शुभ मुहूर्त और फिर चर मुहूर्त का चुनाव किया जाना चाहिए। अगर अमृत मुहूर्त में बहनें राखी नहीं बांध पाएं तो शुभ मुहूर्त में बांधें।
अगर राखी इसमें भी नहीं बांध पाईं हो तो फिर लाभ और फिर चर मुहूर्त का चुनाव किया जाना चाहिए। ज्योतिष के मुताबिक इस बार रक्षा बंधन बांधने का शुभ मुहूर्त लगभग 12 घंटे का है।
इस रक्षा बंधन पर बहनें सुबह 7ः43 मिनट से रात 11ः 03 मिनट तक राखी बांध सकती हैं।
भाई की रक्षा के बहन बांधती है राखी
यह भाई-बहनों का महापर्व है जब बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र, संपन्नता और खुशहाली की कामना करती हैं।
यूं तो राखी उस दिन किसी भी वक्त बांधी जा सकती है लेकिन ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक राखी को अमृत मुहूर्त में बांधना सबसे सर्वोत्तम होता है।
अमृत मुहूर्त उस मुहूर्त को कहते हैं जिस काल में राखी बांधना सर्वोत्तम होता है यानी विशेष फल देने वाला होता है।
इस मुहूर्त में राखी बांधने का लाभ भाई और उसके परिवार को अमृत जैसा प्राप्त होता है।
जिस प्रकार अभिजीत काल में किसी भी कार्य को करने से निश्चित रूप से सफलता की प्राप्ति होती है उसी प्रकार इस अमृत मुहुर्त में राखी बांधने से अमृत जैसे फल की प्राप्ति होती है।
एक दिन पूर्व ही बहनों ने पूजा की थाल सजा ली। निर्धारित मुहुर्त्त में स्नान आदि कर पहले बहन अपने प्यारे भईया के कलाई की पूजा करेंगी।
सिर पर रोली का टीका लगाकर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधेगी। भाई बहन को रक्षा का वचन देंगे। इसे लेकर विशेषकर बहनों में खासा उत्साह नजर आ रहा है।
ससुराल रहने वाली बहनों के घर भाई जहां शनिवार को ही रवाना हो गये, वहीं कई बहनें भी अपनी मायके पहुंच गयी।