राष्ट्र्पति से सम्मानित बन्दना पिछले कुछ दिनों से मानसिक तनाव में है,वजह पूछने पर सेवा,संघर्ष सम्मान को सिस्टम में जगह नही रहना बताती है ।स्वामी विवेकानंद अनाथ आश्रम की संचालिका बन्दना बताती है कि पिछले दिनो वो सिस्टम के दंश का शिकार हुई है ।जिसको लेकर काफी परेशान हैं ।मानव सेवा का राष्ट्रपति के हाथों सम्मान ले चुकी बन्दना को कई तरह के सिस्टम की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।
मैं हूँ गोड्डा ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी खबर।
राष्ट्र्पति के हाथों सम्मानित बन्दना जब सिस्टम का दंश झेल रही थी तो इस खबर को मैं हूँ गोड्डा ने प्रमुखता से लगाया था जिसे सोशल मीडिया में काफी जगह मिली थी 3 लाख से ज्यादा लोगों ने खबर को पढा था एवं 71 हजार लोग उसमे अपनी प्रतिक्रिया दिए थे ।
खबर पढ़ने वालों में एक नाम रंजन सिंह राजपूत भी ।
गोड्डा से निकली यह कहानी जब मुम्बई में बैठे मशहूर निर्देशक रंजन सिंह राजपूत ने पढ़ी तो उन्होंने भी आश्चर्य किया,फिर उन्होंने मीडिया के मित्रों के माध्यम से मैं हूँ गोड्डा के संस्थापक राघव मिश्रा से उन्होंने सम्पर्क साधा और पूरी कहानी को विस्तृत रूप में जाना ।और फ़िल्म बनाने की इक्षा जताई बातें आगे बढ़ी और फ़िल्म की पटकथा लिखनी शुरू हो गई है।
तेज किरण फ़िल्म के निर्देशक रंजन सिंह राजपूत मूलतः रांची के निवासी हैं लेकिन वर्षों से मुम्बई फ़िल्म नगरी में अपनी पहचान बनाए हुए हैं ।तेज किरण फ़िल्म के निर्देशक रंजन सिंह राजपूत ने कई मराठी फिल्मों का निर्देशन किया है जिसमे तू माजा जीव,बद्दुआ,गहराईयां भी शामिल है तू माजा जीव वही मराठी फिल्म है जिसके रीमेक में मशहूर मराठी फिल्म “सैराट” को बनाया गया है ।
साथ ही महाराष्ट्र के मल्टीप्लैक्स में तू माजा जीव ने लगातर 50 सप्ताह चलने का लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज करवाया है ।इसके आलावे रंजन सिंह राजपूत के सह निर्देशन में बनने वाली फिल्म कर्फ्यू,विथ लव तुम्हारा,ये सन्डे क्यों आता है जैसी फिल्में शामिल है ,रंजन सिंह फिल्मों में अपने निर्देशन के साथ साथ कई टीवी सीरियल में भी सह निर्देशक रह चुके हैं जिसमे जी टीवी का आंगन,डीडी 1 का खुशियां,एवं सहारा टीवी का जिंदगी तेरी मेरी कहानी शामिल है।
रंजन सिंह राजपूत बताते हैं कि उनके निर्देशन में बना डीडी 1 का मशहूर सीरियल डिटेक्टिव करण,और उजाला भी है।
सोशल मीडिया के माध्यम से निर्देशक के पास पहुंची बन्दना की कहानी ।
रंजन सिंह राजपूत बताते हैं कि मैं हूँ गोड्डा वेबसाइट पर मैंने खबर को पढा मुझे ये कहानी काफी मार्मिक लगी फिर इसे अपने प्रोडक्शन के लोगों के सामने रखा जहां से मुझे लगा कि अब इसपर फ़िल्म बनाई जा सकती है ,फिर मैंने उस साइट पर दिया हुआ नम्बर सम्पर्क कर विस्तृत जानकारी ली और उनके पास भी फ़िल्म का प्रस्ताव रखा ,बातें दोनो और मिल रही थी और हम एक दुसरे के भावना को समझ पा रहे थे इसलिए फ़िल्म के लिए औपचारिक प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और प्रोजेक्ट को ऑन कर दिया गया है ,अब वो संघर्ष की देवी बन्दना जिनपर यह फ़िल्म बनाया जा रहा है उनकी भी सहमति मिल चुकी है ।
निर्देशक रंजन सिंह राजपूत कहते हैं कि इस फ़िल्म के कलाकार को झारखण्ड से ही ऑडिशन के माध्यम से बाहर निकालेंगे यहां झारखण्ड में कई छुपे रुस्तम कलाकार मौजूद हैं । बन्दना की पूरी कहानी को सुनकर निर्देशक ने इसपर फ़िल्म बनाने की हामी भर दी है और बन्दना की सहमति भी मिल चुकी है इसलिए बन्दना केे बच्चों के प्रति प्रेम,सेवा,संघर्ष और सिस्टम से जुड़ी इस हिंदी फिल्म का ऑडिशन एवं शूटिंग जल्द शुरू की जा सकती है ।