रात के अंधेरे में भी चल रहा प्रशासन का बुलडोजर !
-रसूखदारों पर भी गिरी गाज, देरी पर सवालों के घेरे में प्रशासन
जिला प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा अतिक्रमण मुक्त अभियान की रंग अब धीरे धीरे बदलने लगी है। पहले के एक सप्ताह तो दिन के उजाले में प्रशासन ने जेसीबी से शहर को अतिक्रमणमुक्त किया। लेकिन अब प्रशासन का बुलडोजर अतिक्रमणकारियों पर रात के अंधेरे में चल रहा है। गुरूवार की रात नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल आनंद के नेतृत्व में शहर के जगह जगह पर अतिक्रमण हटाया गया। जिन जगहों को दिन में खाली कराने से कुछ परेशानी हो सकती थी। ऐसे जगहों को अतिक्रमण मुक्त कराया। कुछ दुकानदार अपनी दुकान के आगे सीमेंट बालू से ढलाई कर जगह बना लिए थे उन जगहों को पूरी तरह से तोड़ा गया। कुछ बांस बत्ती लगाकर सरकारी जमीन का अ अतिक्रमण बायपास में किए हुए थे इन जगहों को भी अतिक्रमण मुक्त कराया गया।
रसूखदारों पर भी चला जेसीबी ,लेकिन जनता की तरह नही रौंदा जेसीबी ने जमीन !आखिर क्यूँ ?
इधर शुक्रवार को जिला प्रशासन द्वारा कुछ चुनिंदें जगहों को भी अतिक्रमण मुक्त कराया गया। जो एक सप्ताह के अभियान में छुट गए थे। इनमें से एक भागलपुर रोड स्थित राजदरबार होटल है। जो सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चे में रहा था। शुक्रवार को कार्यपालक पदाधिकारी राहुल आनंद के नेतृत्व में होटल के सामने वाले सरकारी जमीन जो अवैध रूप से होटल मालिक द्वारा कब्जा जमा रखा था। इस पर दो जेनरेटर रखा गया था। जिसमें से एक जेनरेटर को हटा दिया गया। इस जगह को जेसीबी द्वारा बराबर किया गया। लेकिन शहर में इस बात की चर्चा है कि ऐसे जगहों को पूर्व में चले अभियान के दौरान क्यों छोड़ दिया गया था?और इतना वक्त लगने के बावजूद भी आम जनता के घर की तरह क्यों नही रौंदा जेसीबी ने ? बता दे कि कुछ टाइल्स मार्बल का शो रूम, होटल आदि ऐसे दर्जनों स्थान जो अतिक्रमित थे। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इन जगहों पर देरी से कार्रवाई की गयी,जिसके कारण जनता प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। लोगों का कहना है कि सभी के लिए कानून बराबर तो फिर इसमें दोहरी नीति क्यों?