वैधव्य का दर्द तो बांटा नहीं जा सकता है लेकिन संतति के प्रति ममत्व एक ऐसी भावना है जिसमें बड़ा से बड़ा दुख दर्द भी बौना पड़ जाता है ।ऐसा ही नजारा बीते दिनों में देखने को मिला । तकरीबन डेढ़ साल से मनकी देवी की वैधव्य की विषाद में आंखों से लरजते आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा था लेकिन पुत्री की शादी का धूमधाम देख कर मन इतना पुलकित था कि इस खुशी के आंसू दुख की सभी आंसू पर भारी पड़ गए। झारखंड विकास मोर्चा द्वारा उनके दिवंगत कार्यकर्ता सुरेंद्र महतो की तृतीय पुत्री सोनी कुमारी की शादी धूमधाम से की जा रही थी।
विवाह समारोह में विधायक प्रदीप यादव रांची से पहुंचकर बराती के आवभगत से लेकर खानपान तक की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। खुद विधायक अभिभावक की भूमिका में नजर आ रहे थे। वर वधु को आशीर्वाद देकर विधायक प्रदीप यादव उस रात में ही रांची के लिए प्रस्थान कर गए । विधानसभा सत्र चालू रहने के कारण उन्हें मजबूरन जाना पड़ा। इधर इस धूमधाम से शादी में बराती और सराती दोनों ही जमकर थिरके इतना ही नहीं झारखंड विकास मोर्चा के कार्यकर्ताओं में भी नाच-गान में कोई कमी नहीं रखा ।यह शादी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। और हो भी क्यों नहीं अब राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति जो भावना का यूज एंड थ्रो लिखो फेंको उसे थोड़ा ऊपर उठते हुए समर्पित एवं जुझारू कार्यकर्ताओं के लिए एक नया आयाम स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। वधू पक्ष के वधु पक्ष के गांव नूनबट्टा एवं वरपक्ष का गांव पुनसिया के ग्रामीणों ने ऐसे कार्यक्रमों की सराहना की। खुद प्रदीप यादव ने कहा कि यह कोई कृपा या एहसान नहीं है ।यह हम सबका दायित्व बनता है कि हम लोग के साथ चलने वाले कार्यकर्ता रास्ते में कहीं बिछड़ जाएं तो सभी मिलकर उनको सहयोग करें उनके परिवार की देखरेख करें ।भगवान ना करे किसी को ऐसे किसी के साथ ऐसी दुर्घटना हो जैसा इस परिवार के साथ हुआ है। हम लोगों का प्रयास है कि इस परिवार की कमी को दूर किया जा सके।