जिले के सुदूरवर्ती जंगलों से घिरी सुंदरपहाड़ी प्रखंड के तमलिगोड़ा गांव में पहाड़िया जनजाति परिवार के 24 घर जलकर खाक हो गए।हालांकि आग किस वजह से लगी इसका कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। दो दिन पूर्व लगी आग की इस घटना में करीब 27 परिवार प्रभावित हुए हैं।
लोगों का मानना है कि जंगली आग की वजह से ये घटना हुई है।गर्मी का मौसम आते ही कई बार लकड़ियों की घर्सन की वजह से जंगल में आग लग जाती है।वहीं लोगों का कहना है कि महुआ चुनने के लिए जो आग लगाई जाती है, वो आग पत्तों के सहारे पूरे जंगलों में फैल जाती है,इनके आस-पास पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं होती है।परिणाम स्वरूप आग पर काबू पाना और भी मुश्किल हो जाता है।
पहाड़िया जनजाति पहाड़ी चोटियों एवं जंगलों के बीच रहते हैं,यही कारण है कि वहां तक दमकल को पहुंचने में काफी मसक्कत होती है । जंगलों एवं पहाड़ों के बीच गुजर बसर करने वाली इस जनजाति परिवार को किसी भी प्रकार की प्रशासनिक मदद भी देर से पहुंचती है ।आम तौर पर ऐसे मौसम में यहां के लोगों को आग की घटनाओं से काफी सामना करना पड़ता है ।ताया जा रहा है कि घटना में एक बच्चा झुलस गया है. वहीं, कई मवेशी और घरों में रखा अनाज भी जलकर खाक हो गया है,ये इलाका पाकुड़ और दुमका जिले की सीमा से सटा पहाड़ी इलाका है।