अभिजीत तन्मय/पूरा शहर मैया के शोभायात्रा में शरीक था उसी समय कुछ युवक इस शोभायात्रा में हल्का मूड बनाकर मजा लेने के फिराक में थे। तय समय पर सभी इकट्ठा भी हुए और निकल पड़े मंजिल की ओर। नए युवकों के अभी प्रतिबंधित सिरप का जबरदस्त प्रचलन है। इसका फायदा भी बहुत है। ना मुँह से गंध आने की चिंता और ना ही बहकने का फिक्र।
सरकार के द्वारा प्रतिबंधित दवाओं में शुमार इस कफ सिरप पर पुलिस प्रशासन के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग की भी नजर है लेकिन ये आज भी खुलेरूप से तो नही लेकिन जरूरतमंद लोगों को मिल ही जाता है।
ऐसे में जिला के किसी थाना क्षेत्र में मूड बनाकर गाड़ी(चार पहिया) लगा कर कुछ लड़के तेज आवाज में गप्प कर रहे थे कि पुलिस को कुछ भनक लगी और जाँच करने लगी।
जाँच के वक्त कुछ लड़के किनारे से निकल गए लेकिन गाड़ी वाला जाए भी तो किधर?
अंत मे गाड़ी से दो कफ सिरप निकला जिसके बाद गाड़ी मालिक के साथ गाड़ी को थाना में ले जाया गया।
इधर विसर्जन का कार्यक्रम भी अंतिम चरण में था।
मामले को रफा दफा करने के एवज में 20हजार की वसूली की गई जबकि अगर पुलिस चाहती तो उस लड़कों के सहारे उसका धंधा करने वालों तक आसानी से पहुँच सकती थी लेकिन वहां कुछ अपने ही पैरवीकार हो जाते इसीलिए जो आ रहा है उसी में संतुष्ट हो गए।
युवक ने तुरंत 20 हजार का इंतज़ाम अपने कार्ड के मार्फ़त किया और 350 रुपये के समान का अदायगी 10000 के हिसाब से 20000 करके खुल गया।
आज उसके पास पैसा था तब तो मामला सेट हो गया वरना मजबूरी में फंसा हुआ युवक रात भर हवालात की हवा खाता और सुबह किसी के पैरवी से निकलता या जेल जाता लेकिन यहाँ तो मामला दर्ज भी नही हुआ।
युवक के दोस्त निकलने के बाद बोले कि वो सस्ता में ही छोड़ दिया वरना प्रति बोतल 50000 भी दे सकता था अगला।
इस खबर के बाद पुलिस को कल नया रेट मालूम चल जाएगा।
जिसके बाद उसको शायद अफसोस भी होगा क्योंकि सस्ता में ही निबटा दिए थे।
आज जिला के युवा नशीली दवाओं के गिरफ्त में जा रहे है इसमें कहीं न कहीं प्रशासन की ढील सील रवैया है।